सोमवार, 9 सितंबर 2019

!!भजन!! 
जैसे रखें राम जी रहना चाहिये
मान अपमान सब सहना चाहिये.
चाहते आराम हो तो रोज ही सुबह शाम ,
सीताराम सीताराम कहना चहिये.... जैसे रखे.
अनुकूल प्रतीकूल दोनों ही कूलो के मध्य ,
सरिता समान सदा बहना चाहिये.... जैसे रखे.
रहो सदा शान से भरोसे भगवान के,
काल के भी डर से न डरना चाहिये.... जैसे रखे.
देह का अध्यास छोड़ ममता से मुखमोड़ ,
हो के मुक्त महि में विचरना चाहिये.... जैसे रखे.
रंक हो '' राजेश '' हो की देश परदेश हो,
समता ही चित्त में उभरना चाहिये... जैसे रखे....


  1. 🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏

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