!!भजन!!
ठहरी नहीं ये उम्र भी ढलती चली गयी..
आदत पुरानी लीक पे चलती चली गयी
हम चाहते थे होवे हरी की उपासना..
दिन रात मगर वासना छलती चली गयी
दुनिया में दिखा सब कुछ लेकिन मिला न कुछ..
बेबस जवानी हाथ भी मलती चली गयी
सोचा था संभल जायेंगे सुधरेंगे मगर फिर..
गलती पे गलती बस होती चली गयी
"राजेश्वर" श्री राम की जिनपे हुई कृपा..
केवल उन्ही की ज़िन्दगी फलती चली गयी
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
ठहरी नहीं ये उम्र भी ढलती चली गयी..
आदत पुरानी लीक पे चलती चली गयी
हम चाहते थे होवे हरी की उपासना..
दिन रात मगर वासना छलती चली गयी
दुनिया में दिखा सब कुछ लेकिन मिला न कुछ..
बेबस जवानी हाथ भी मलती चली गयी
सोचा था संभल जायेंगे सुधरेंगे मगर फिर..
गलती पे गलती बस होती चली गयी
"राजेश्वर" श्री राम की जिनपे हुई कृपा..
केवल उन्ही की ज़िन्दगी फलती चली गयी
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें