बुधवार, 4 सितंबर 2019

!!भजन!! 
हे मुरलीधर छलिया मोहन हम भी तुमको दिल दे बैठे
ग़म पहले से ही कम तो ना थे एक और मुसीबत ले बैठे
हे मुरलीधर...

दिल कहता है तुम सुन्दर हो, आंखे कहती हैं दिखलाओ
तुम मिलते नहीं हो आकर के हम कैसे कहे देखो ये बैठे
हे मुरलीधर...

महिमा सुनकर बेचैन हैं हम तुम मिल जाओ तो चैन मिले
मन खोज के भी तुम्हे पाता नहीं,तुम होकि उसी मन में बैठे... हे मुरलीधर.....

''राजेश्वर ''राजा राम तुम्ही प्रभु योगेश्वर घनश्याम तुम्ही
धनुधारी बने कभी मुरली बजा जमुना तट निर्जन में बैठे
हे मुरलीधर छलिया मोहन हम भी तुम को दिल दे बैठे...

🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏

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