!!भजन!!कैसे कैसे नज़ारे देखे हैं, झुठे सच्चे सहारे देखे हैं....
ज़िन्दगी में ज़िन्दगी की नदिया के,
खुशी गम दो किनारे देखे हैं....
जो कभी थे सितारे हिन्द उनके भी,
गर्दिशो में सितारे देखे हैं...
पास आने पर जो डुबो ही डाले ,
ऐसे भी कुछ किनारे देखे हैं .....
बातों बातों में बात बन जाती,
मुर्शिदो के इशारे देखे हैं....
सुखी देखी नहीं '' राजेश '' उनकी आंखें ,
जो भी बन्दे तुम्हारे देखे हैं.....
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
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