गुरुवार, 19 सितंबर 2019

!!भजन!! 
रघुनाथ जी हो जिसकी बिगड़ी बनाने वाले,
क्या फ़िर बिगाड़ सकते, उसका ज़माने वाले....
कैसा भी वक़्त आये परवाह क्यों  करेगा,
रखवाले बन के बैठे हनुमंत  गदा वाले....
बल अपना कुछ नहीं है,अभिमान क्या करे हम ,
रघुवर कृपा का बल है जो चाहे आजमाले...
निंदा हो चाहे स्तुति कुछ फ़र्क नहीं पड़ता,
अलमस्त हो गये जो पीकर के प्रेम प्याले....
'' राजेश '' पतन कर दे कलियुग की क्या है ताकत्,
मैय्या ही जिसको अपनी गोदी में जब बिठाले....

🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏

सोमवार, 16 सितंबर 2019

!!भजन!! 
मन मतवाले सोच जरा क्या देख लुभाया दुनिया में,
जो भी आया उसने जीवन व्यर्थ गंवाया दुनिया में....
योनि अनेको में भटका तब तरह तरह का कष्ट सहा,
रक्त माँस मल और मूत्र में मातु गर्भ के बीच रहा,
नौ महिने तक नरक भोगकर नरतन पाया दुनिया में.... जो भी आया... ..
बचपन की अग्यान अवस्था बीती हंसने रोने में,
कभी रूठना कभी मचलना कभी जागने सोने में,
बालापन का सार यही बस खेला खाया दुनिया में...
जो भी आया....
आयी जवानी ब्याह हुआ तब नारी से चित जोड़ लिया,
जिसने तुझको जनम दिया तूने साथ उन्ही का छोड़ दिया,
मातु पिता की दाया का ये बदला चुकाया दुनियां में...
जो भी आया.....
उम्र ढली क्रशकाय हुआ पर तृष्णा दिन दिन अधिक बढ़ी,
पुत्र मित्र परिवार आदि की प्रबला शक्ति शीश चढी,
मानव तन का सार है क्या ये समझ न पाया दुनिया में..
जो भी आया.....
अपना जिसे '' राजेश ''  कहा तू हाय उन्ही से छला गया,
मुट्ठी  बांधे आया था हाथ पसारे चला गया,
नियम यही जो फूल खिला इक दिन मुर्झाया दुनिया में....
जो भी आया दुनिया में..... राम सिया राम सिया राम..

🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏

शुक्रवार, 13 सितंबर 2019

!!भजन!! 
परिश्रम करे कोई कितना भी लेकिन ,
कृपा के बिना काम चलता नहीं ....
निराशा निशा नष्ट होती ना तब तक,
दया भानु जब तक निकलता नहीं...
दमित वासनाये अमित रूप ले जब,
अंतः करण में उपद्रव मचाती,
तब फ़िर कृपासिंधु श्री राम जी के
अनुग्रह बिना काम चलता नहीं.....
म्रगवारी जैसे असत इस जगत से
पुरुषार्थ के बल पे बचना है मुश्किल
श्री हरि के सेवक जो छल छोड़ बनते
उन्हें फ़िर ये संसार छलता नहीं है.....
सद्गुरू शुभाशीष पाने से पहले
जलता नहीं ग्यान दीपक भी घट में
बहती न तब तक समर्पण की सरिता
अहंकार जब तक की गलता नहीं.....
'' राजेश्वरानन्द '' आनंद अपना
पाकर ही लगता है जग जाल सपना
तन बदले कितने भी पर प्रभु भजन बिन
कभी जन का जीवन बदलता नहीं....

🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏

गुरुवार, 12 सितंबर 2019

कुछ समझ आता नही है क्या करें
दिल सुक़ू पाता नही है क्या करें
आता नही है जो मेरी नज़रो के सामने
दिल से वो जाता नही है क्या करें
समझा रहे है जो किसी दीवाने को उन्हें
कोई समझाता नही है क्या करें
"राजेश" कर रहे है अब तो वो भी उनकी बात
जिनका कुछ नाता नही है क्या करें।

🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
!!भजन!! 
कारे कारे केश कैद करत रसिक चित्त,
भौंह करे काम जनु काम की कमान को...
नयन सरोज लखि लाजै द्रग खंजन के,
नासिका करत नास कीर के गुमान को..
भनत '' राजेश '' दंत  पन्गती दमक दूर्,
करे अभिमान चपला की चमकान को...
घायल भई हौ काल राम रघुवीर जू ने,
मारयो उर वीर तीर तीरछी तकान को....

🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏

बुधवार, 11 सितंबर 2019

!!भजन!!
काया कुटिया निराली जमाने भर से,
दस दरवाजे वाली, जमाने....
सबसे सुन्दर आंख की खिड़की, जिसमे पुतली काली
जमाने भर से....
सुनते श्रवण नासिका सून्घे,वाणी करे बोला चाली
जमाने भर से.....
मुख के भीतर रहती रसना, षट् रस स्वादो वाली
जमाने भर से....
लेना देना कर करते,  पग चाल चले मतवाली
जमाने भर से.....
सर्दी गरमी कड़ा मुलायम ,त्वचा जानने वाली
जमाने भर से......
काम क्रोध मद लोभ आदि से बुद्धि करे रखवाली
जमाने भर से....
इस कुटिया का नित्य किराया, स्वान्स चुकाने वाली
जमाने भर से.....
करि के संग इन्द्रियों का मन बन बैठा जन्जाली
जमाने भर से.....
जन '' राजेश '' मोह मत करना, करना पड़ेगी ये खाली
जमाने भर से...... काया कुटिया निराली जमाने भर से...

🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏

मंगलवार, 10 सितंबर 2019

!!भजन!!
कैसे कैसे नज़ारे देखे हैं, झुठे सच्चे सहारे देखे हैं....
ज़िन्दगी में ज़िन्दगी की नदिया के,
खुशी गम दो किनारे देखे हैं....
जो कभी थे सितारे हिन्द उनके भी,
गर्दिशो में सितारे देखे हैं...
पास आने पर जो डुबो ही डाले ,
ऐसे भी कुछ किनारे देखे हैं .....
बातों बातों में बात बन जाती,
मुर्शिदो के इशारे देखे हैं....
सुखी देखी नहीं '' राजेश '' उनकी आंखें ,
जो भी बन्दे तुम्हारे देखे हैं.....

🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏

सोमवार, 9 सितंबर 2019

!!भजन!!
जीवन है तेरे हवाले मुरलिया वाले,
अपने चरण का दास बनाके,
वृंदावन में बसा ले,मुरलिया वाले....
हम कठपुतली तेरे हाथ की,
जैसे भी चाहे नचा ले,मुरलिया वाले.....
मेरे अपने हुये न अपने,
अब तो तुही अपनाले,मुरलिया वाले....
जन '' राजेश '' की अरज यही है,
कर गह कन्ठ लगाले,मुरलिया वाले....
जीवन है तेरे हवाले,मुरलिया वाले...

🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏 
!!भजन!! 
जैसे रखें राम जी रहना चाहिये
मान अपमान सब सहना चाहिये.
चाहते आराम हो तो रोज ही सुबह शाम ,
सीताराम सीताराम कहना चहिये.... जैसे रखे.
अनुकूल प्रतीकूल दोनों ही कूलो के मध्य ,
सरिता समान सदा बहना चाहिये.... जैसे रखे.
रहो सदा शान से भरोसे भगवान के,
काल के भी डर से न डरना चाहिये.... जैसे रखे.
देह का अध्यास छोड़ ममता से मुखमोड़ ,
हो के मुक्त महि में विचरना चाहिये.... जैसे रखे.
रंक हो '' राजेश '' हो की देश परदेश हो,
समता ही चित्त में उभरना चाहिये... जैसे रखे....


  1. 🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏

रविवार, 8 सितंबर 2019

!!भजन!!
सब जग को रही नचाये,हरिमाया जादूगरनी
अति अदभुत खेल रचाय्, हरिमाया जादूगरनी..
कोऊ याको पार ना पावे, यह सबको नाच नचावै
दुख में सुख को दरसाये, हरिमाया जादूगरनी.....
जाके बस में चराचर नाचै कोई कृपा पात्र जन बान्चे
जेहि सद्गुरू लेहि बचाय्,हरिमाया जादूगरनी.....
जब पन्थ न कोई सूझे तब जाये गुरु जी से बूझे,
बचिवै को कौन उपाय्, हरिमाया जादूगरनी....
जो राम नाम नित बोले सो यासो निर्भय डोले
दई गुरुवर गैल बताय्, हरिमाया जादूगरनी.....
नहि और कछु बस मेरो ''राजेश '' चरन को चेरो
गुरु कृपा पै बलि बलि जाय्, हरिमाया जादुगरनी.....

🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏

  • !!भजन!! 

सीताराम सीताराम सीताराम गाये जा,
राम जी के चरणों में मन को लगाये जा..
छोड़ सभी रिश्ते बस मान यही नाता
पिता रघुनाथ जी श्री जानकी जी माता
इसी भाव गंगा में डुबकी लगाये जा..
सीताराम..
दुनिया भर में काहे भटकता,
द्वारे द्वारे सीस पटकता
राम जी के द्वार पर ही अलख जगाये जा..
सीताराम.....
क्या आशा करना जन जन की,
दया दृष्टि सब रघुनन्दन की
प्रभु की कृपा से नित मौज उड़ाये जा..
सीताराम......
नहि '' राजेश '' रंक कोई अपने,
ये सब खुली आंख के सपने,
सद्गुरू  वचन सदा चित् लाये जा..
सीताराम सीताराम सीताराम गाये जा...

🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
!!भजन!!
मन सीतराम जप लो घड़ी घड़ी ,
है भव रोग मिटाने वाली राम नाम एक सफ़ल जड़ी ..
मन सीताराम......
भक्ति ग्यान बैराग्य मिलेगा,बात बनेगी सब बिगड़ी..
मन सीताराम......
जीवन में आती हरियाली,जब राम नाम रस लगे झड़ी..
मन सीताराम.......
नाम प्रभु का कभी ना लेता ,बातें करता बड़ी बड़ी..
मन सीताराम....
जन '' राजेश '' वो सफ़ल जिंदगी, जुगल चरण जो आन पड़ी..
मन सीताराम जपलो घड़ी  घड़ी.....

🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏

बुधवार, 4 सितंबर 2019

!!भजन!! 
सीताराम जी की प्यारी रजधानी लागे
मोहे मीठो-मीठो सरयू जी को पानी लागे
धन्य कौशला धन्य कैकयी धन्य सुमित्रा मैया
धन्य भूप दसरथ जी के आंगन खेलत चरिउ भैया
मीठी तोतली रसीली प्रभू वाणी लागे.....

मोहे मीठो मीठो सरयू जी को पानी लागे
रंगमहल हनुमान गढी, मणि राम छावनी सुन्दर
स्वयं जगत के मालिक बैठे कनक भवन के अंदर
सीताराम जी की शोभा सुखखानी लागे....

मोहे मीठो मीठो सरयू जी को पानी लागे
सहज सुहावन जन्मभूमि श्री रघुबर रामलला की
जानकी महल शुचि सुन्दर शोभा लछ्मन जू के किला की
यहाँ के कण कण से तो प्रीति पुरानी लागे.....

मोहे मीठो मीठो सरयू जी को पानी लागे
जय सियाराम दण्डवत भैया,मधुरी बानी बोले
करें कीर्तन संत मगन मन गली गली में डोले
सीताराम नाम धुन प्यारी मस्तानी लागे.....

मोहे मीठो मीठो सरयू जी को पानी लागे
प्रभू पद प्रीति प्राप्त करते सब पीकर श्रीहरि रस को
जन '' राजेश '' रहे नित निर्भय फ़िकर कहो क्या उसको
जिसको माता पिता रघुराज सिया महारानी लागे.....
मोहे मीठो मीठो सरयू जी को पानी लागे
सीताराम जी की प्यारी रजधानी लागे  मोहे......

🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
!!भजन!! 
हे मुरलीधर छलिया मोहन हम भी तुमको दिल दे बैठे
ग़म पहले से ही कम तो ना थे एक और मुसीबत ले बैठे
हे मुरलीधर...

दिल कहता है तुम सुन्दर हो, आंखे कहती हैं दिखलाओ
तुम मिलते नहीं हो आकर के हम कैसे कहे देखो ये बैठे
हे मुरलीधर...

महिमा सुनकर बेचैन हैं हम तुम मिल जाओ तो चैन मिले
मन खोज के भी तुम्हे पाता नहीं,तुम होकि उसी मन में बैठे... हे मुरलीधर.....

''राजेश्वर ''राजा राम तुम्ही प्रभु योगेश्वर घनश्याम तुम्ही
धनुधारी बने कभी मुरली बजा जमुना तट निर्जन में बैठे
हे मुरलीधर छलिया मोहन हम भी तुम को दिल दे बैठे...

🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏

सोमवार, 2 सितंबर 2019

!!भजन!!
इस संसार की गतिविधियों पर नहि अधिकार किसी का है
जिसको हम परमात्मा कहते, ये सब खेल उसी का है

छणभर को  भी नहीं छोड़ता,सदा हमारे साथ में हैं
काया की स्वान्सा डोरी का तार उसी के हाथ में है,

हंसना-रोना,जीना-मरना सब उसकी मर्जी का है
जिसको हम परमात्मा कहते, यह सब खेल उसी का है

निर्धन धनी,धनी हो निर्धन ,ग्यानी मूढ,मूरख ग्यानी,
सब कुछ अदल-बदल देने में कोई नहीं उसका सानी

समझदार भी समझ सके ना ऐसा अजब तरीका है
जिसको हम परमात्मा कहते, यह सब खेल उसी का है

मिट्टी काली पीली हरे बन्,आसमान का रंग नीला
सूर्य सुनहरा चन्द्रमा शीतल, सब कुछ उसकी ही लीला

सबके भीतर स्वयं छिप गया, सृजनहार सृष्टि का है
जिसको हम परमात्मा कहते यह सब खेल उसी का है

'राजेश्वर आनंद'अगर सुख चाहो तो मानो शिक्षा
तज अभिमान मिला दो उसकी इच्छा में अपनी इच्छा

यही भक्ति का भाव है प्यारे, सूत्र यही मुक्ती का है
जिसको हम परमात्मा कहते, यह सब खेल उसी का है
राम सिया राम राम सिया राम राम सिया राम...
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
!!भजन!!
ये तन कीमती है मगर है विनाशी, कभी अगले क्षण के भरोसे न रहना।
निकल जाएगी छोड़ काया को पल में, सदा श्वास धन के भरोसे न रहना।। ये, तन कीमती है, मगर

एक क्षण में योगी, एक क्षण में भोगी, पलभर में ग्यानी पल में वियोगी।
बदलता जो क्षण -क्षण में  है वृत्ति अपनी, कभी अपने मन के भरोसे न रहना।। ये, तन कीमती है मगर

हम सोचते काम दुनियाँ के कर लें, धन-धाम अर्जित कर नाम कर लें।
फिर एक दिन बन के साधू रहेंगे, उस एक दिन के भरोसे न रहना।। ये, तन कीमती है, मगर

तुझको जो, मेरा- मेरा कहेंगे,जरूरी नहीं वह भी, तेरे रहेंगे....
मतलब से, मिलते है, दुनियाँ के, साथी, सदा इस मिलन के भरोसे न रहना.ये, तन कीमती है, मगर

"राजेश" अर्जित गुरु ज्ञान कर लो, या प्रेम से राम गुणगान कर लो।
वरना श्री राम नाम रटो नित नियम से, किसी अन्य गुण के भरोसे न रहना।। ये, तन कीमती है, मगर

🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏

रविवार, 1 सितंबर 2019

!!भजन!! 
 सोहें कनक सिंहासन   सीताराम निहार,  सजनी
जिनके चरण- कमल में बैठे, पवनकुमार,सजनी
चापें चरण, नयन बरसावें,   प्रेमरस धार, सजनी
शिवजी दासभाव हित, लिए स्वयं अवतार,सजनी
सोहें कनक सिंहासन

ठाढ़े छत्र लिए, कर भरत,भक्ति भण्डार, सजनी
रिपुदमन डुलावैं चँवर,   हाेंय बलिहार,  सजनी
सोहैं  कनक सिंहासन

लीन्हें लखनलाल,कर विजन,करत हैं बयार, सजनी
बाबा  तुलसी,  प्रेमसे,  जय जय रहे उचार, सजनी
सोहैं कनक सिहासन

विनती  करत  दीन  'राजेशहु',   बारम्बार, सजनी
हमरे हृदय कमल में, बसैं युगल सरकार, सजनी
सोहैं कनक सिंहासन

सोहै कनक सिंहासन सीताराम, निहार सजनी
जिनके चरणकमल में, बैठे, पवनकुमार, सजनी
सोहैं कनक सिंहासन
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
!! भजन !!
रुन झुन रुन झुन रुन झुन बाजे पग पैजनिया
अंगनैया बिहरे रामलला....

दुइ दुइ दसन दामिनि जैसे दम दम दम दम दमके
कर कंजन कंचन के कंगना चम चम चम चम चमके
सोहे रुचिर हिये मनि माल कमर करधनिया
अंगनैया बिहरे रामलला...

स्याम सरोज सुहावनि काया पहिरे झँगुली पीली
झीन झँगुलिया के भीतर सौ आभा झलके नीली
धनि धनि भाग भुशुंडि काग लखे किलकनिया
अंगनैया बिहरे रामलला...

हर हिय हरत मनोहर मंजु मधुर मुसकनिया
अंगनैया बिहरे रामलला...
धन्य अवध धन धन नृप दसरथ
धनि धनि तीनहु मैया
धन्य धन्य सब देखन हारे
खेलत चारिहु भैया
चाहत जन ' राजेश ',प्रभु की चरन रजकनिया
अंगनैया खेले रामलला....

🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
!!भजन!!
सिर पर सीताराम फ़िकर फ़िर क्या करना
 तेरे बिगड़े बनेगे काम्,फ़िकर फ़िर क्या करना

पितु रघुबर श्री जानकी मैया,फ़िर क्यों परेशान हो भैया
तेरे कटेगे कष्ट तमाम्,फ़िकर फ़िर क्या करना

जो जन रामकथा सत्संगी,उनके सहायक श्री बजरंगी
अतुलित बल के धाम ,फ़िकर फ़िर क्या करना

अब ' राजेश ' ना आह भरो तुम, नहीं व्यर्थ परवाह करो तुम
रटो राम जी का नाम, फ़िकर फ़िर क्या करना
सिर पर सीताराम, फ़िकर फ़िर क्या करना.......

 🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
!!भजन !! 
गुण दोष से दृष्टि हटाकर जग राम सियामय देखो
मन में विश्वास जगाकर जग राम सियामय देखो

है अनेक में एक का होना,जैसे आभूषण में सोना
इसीलिये समता का भाव जगाकर, जग राम सियामय देखो

वही दृश्य है,वही है द्रष्टा, वही सृष्टि है वही है सृष्टा
गुरु ग्यान का दीप जलाकर जग राम सियामय देखो

अपने अमित रूप प्रकटाये ,वही हैं छुपकर सामने आये,
सत्संग की गंग नहाकर जग राम सियामय देखो

जड़ चेतन सबका तन धारे,प्रगटे सीताराम हमारे
प्रभु प्रेम में अश्रु बहाकर,जग राम सियामय देखो

जन 'राजेश' तजो मनमानी,सियाराम मय सब जग जानी
इसीलिये तुलसी की वाणी गाकर जग राम सियामय देखो...........
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
!!भजन!! 
ठहरी नहीं ये उम्र भी ढलती चली गयी..
आदत पुरानी लीक पे चलती चली गयी

हम चाहते थे होवे हरी की उपासना..
दिन रात मगर वासना छलती चली गयी

दुनिया में दिखा सब कुछ लेकिन मिला न कुछ..
बेबस जवानी हाथ भी मलती चली गयी

सोचा था संभल जायेंगे सुधरेंगे मगर फिर..
गलती पे गलती बस होती चली गयी

"राजेश्वर" श्री राम की जिनपे हुई कृपा..
केवल उन्ही की ज़िन्दगी फलती चली गयी

 🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏