मिलकर बैठो...
आओ हम कुछ प्यार की बातें करें
हो चुका जिक्र-ए-जहां अब यार की बातें करें
गले पड़ने से तो अच्छा है, कि लग जाओ गले
छोड़कर तकरार अब त्यौहार की बातें करें
जिस्म देकर जिस्म के संग जिसने जान-ओ-दिल दिया
हम तो दिल से अब उसी दिलदार की बातें करें
राजेश जिनको मिल चुका उनकी मोहब्बत का मजा
वो क्यों किसी से बैठकर बेकार की बातें करें
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
आओ हम कुछ प्यार की बातें करें
हो चुका जिक्र-ए-जहां अब यार की बातें करें
गले पड़ने से तो अच्छा है, कि लग जाओ गले
छोड़कर तकरार अब त्यौहार की बातें करें
जिस्म देकर जिस्म के संग जिसने जान-ओ-दिल दिया
हम तो दिल से अब उसी दिलदार की बातें करें
राजेश जिनको मिल चुका उनकी मोहब्बत का मजा
वो क्यों किसी से बैठकर बेकार की बातें करें
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
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