शनिवार, 5 जनवरी 2019

कहने को तो वर्क आंधी में सजर गया,
पर ना जाने कितने परिंदों का मानो घर गया

हाल-ए-दिल सुना लूं तो चले जाइएगा, लगी मैं दिल की बुझा लूं तो चले जाइएगा
तेरे जाने की खबर सुनके, उड़ गए हैं होश मेरे
मैं जरा होश में आ जाऊं तो चले जाइएगा

तुझे खुदा कैसे कहूं, खुदा को देखा तो नहीं
पर नूर ए खुदा, सान ए खुदा, लुत्फ ए खुदा, रहमते खुदा
 वो तुम हो, वो तुम हो, वो तुम हो

ये सितारा बेनजर है, ये चिराग बेजुबा है
यहां तुम से मिलता-जुलता कोई और कब कहां है
कभी पाके तुमको खोना, कभी खोके तुमको पाना
यही जन्म जन्म का रिश्ता, तेरे मेरे दरमियां है
🙏राधे राधे 🙏

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