गजल:- मैं तुम को याद करती हूं
अकेले बैठकर तुमको कभी जब याद करती हूं,
मैं तुम को याद करती हूं....
मैं रोना-मुस्कुराना हाय दोनों साथ करती हूं।
यहीं सोफे पे बैठे, सात अंबर घूम आती हूं,
तुम्हारा नाम चखती हूं नशे में झूम जाती हूं।
कहां हूं मैं..? जहां मेरी खबर मुझ तक नहीं आती,
क्या मेरी गुमशुदी की ये खबर तुम तक नहीं जाती।
गली दिल की तुम्हारी याद से आबाद करती हूं,
अकेले बैठकर तुमको कभी जब याद करती हूं।।
तेरा जाना मेरी आंखों में प्यासे ख्वाब बोता है
तेरा तकिया लिपट कर मुझसे सारी रात सोता है।
तेरी खुशबू मेरी सांसो की गलियों में टहलती है,
बड़ी कमबख्त है ये आग, आंखों में पिघलती है।
मैं सारी रात, सोना-जागना एक साथ करती हूं
अकेले बैठकर तुमको कभी जब याद करती हूं ।।
तेरी बातों के फूलों से गजल मखदूम करती हूं
मैं चुपके से तेरी DP 👬 को जब भी जूम करती हूं।
तेरे फुके हुए सिगरेट में अक्सर आंख होती हूं
तेरी लत में कभी धूँआ, कभी मैं ख़ाक होती हूं
मैं अपने जख्म पे अश्कों की खुद बरसात करती हूं।
मैं रोना मुस्कुराना हाय दोनों साथ करती हूं,
अकेले बैठकर तुमको कभी जब याद करती हूं।।
🙏अंकिता सिंह जी🙏
अकेले बैठकर तुमको कभी जब याद करती हूं,
मैं तुम को याद करती हूं....
मैं रोना-मुस्कुराना हाय दोनों साथ करती हूं।
यहीं सोफे पे बैठे, सात अंबर घूम आती हूं,
तुम्हारा नाम चखती हूं नशे में झूम जाती हूं।
कहां हूं मैं..? जहां मेरी खबर मुझ तक नहीं आती,
क्या मेरी गुमशुदी की ये खबर तुम तक नहीं जाती।
गली दिल की तुम्हारी याद से आबाद करती हूं,
अकेले बैठकर तुमको कभी जब याद करती हूं।।
तेरा जाना मेरी आंखों में प्यासे ख्वाब बोता है
तेरा तकिया लिपट कर मुझसे सारी रात सोता है।
तेरी खुशबू मेरी सांसो की गलियों में टहलती है,
बड़ी कमबख्त है ये आग, आंखों में पिघलती है।
मैं सारी रात, सोना-जागना एक साथ करती हूं
अकेले बैठकर तुमको कभी जब याद करती हूं ।।
तेरी बातों के फूलों से गजल मखदूम करती हूं
मैं चुपके से तेरी DP 👬 को जब भी जूम करती हूं।
तेरे फुके हुए सिगरेट में अक्सर आंख होती हूं
तेरी लत में कभी धूँआ, कभी मैं ख़ाक होती हूं
मैं अपने जख्म पे अश्कों की खुद बरसात करती हूं।
मैं रोना मुस्कुराना हाय दोनों साथ करती हूं,
अकेले बैठकर तुमको कभी जब याद करती हूं।।
🙏अंकिता सिंह जी🙏
Very nice like it
जवाब देंहटाएंमै आपकी इस रचना का फेन हो गया
जवाब देंहटाएंबोहोत खूबसूरत गजल
जवाब देंहटाएंसच मेरे दिल को छुलिया ।।
Beautiful & heart touching lines..
जवाब देंहटाएंBahot hi badhiya likha hai aapney. Yeh kavita har ek ki koi toh bhuli bisri yaad jaroor taaza kar gai hogi. ������������
जवाब देंहटाएंHamesha aisey hi likhti rahiyega Ankita ji
Mere dil ko chu gya hai aaj kl mera v yhi haal hai bs aap ladki ke nazar se dekhe hai hm ese ladka ke nazar se dekh rhe hai.
जवाब देंहटाएंमैं इश्क़ को लेकर हर रोज एक बात करता हम्म।
जवाब देंहटाएंतुम हो कही और फिर भी मै तुझमे ही तेरे तो साथ रहता हम्म।
छोड़ के कागज क़लम तूम रूठी भल्ला क्यो हो ऐशे,
हमारे पास मोबाइल कहा जो तुमसे हम चैट कर लेंगे।
MaashaAllah bahut khoob
जवाब देंहटाएंइस गजल से मैंने आपको पहचाना, और दिन में 100 150 बार रोज सुनता हूं। दिल में हलचल मचा देती है ये लाइन। इस गजल का दीवाना हूं मै
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंये कविता मेरी बेहद प्रिय है, ऐसा लगता है जैसे मेरे दिल के ज़ज़्बात आपने लिख डाले..
जवाब देंहटाएंऔर क्या खूबसूरती से आपने ये पढ़ा भी है..
आपको सुनकर पढ़कर बहुत कुकग सीखा है मैनें।