⛳ भारत⛳
यहां पर किसान मोती बोता, यहां शिशु बन कर इश्वर रोता
हिमराज हिमालय मुकुट स्वयं, सागर सम्राट चरण धोता।
भारत-भू यहां पर निकली गीता ईश्वर की वाणी से
यहां पापी पावन होता है, गंगा के निर्मल पानी से
यहां पर किसान मोती बोता......2
अद्भुत देश, अद्भुत त्याग की मिसाल
कब,कौन, क्या व किसका काज त्याग देता है
त्याग के समाज को फकीर बन जाता कोई,
और किसी को यहां समाज त्याग देता है
वामन जो भगवान होकर भूमि मांगते हैं,
ध्रुव राजपुत्र होकर राज त्याग देता है
एक महाभारत है, भाइयों में ताज हेतु,
एक भाई राम हेतु ताज त्याग देता है
जन्मे इस धरती ने कितने, लाल भरत बलिदानी से,
यहां पापी पावन होता है गंगा के निर्मल पानी से
यहां पर किसान मोती बोता......2
शक्ति का प्रमाण रानी दुर्गावती रही तो,
अक्खड़ कबीर अभिव्यक्ति का प्रमाण है
अभिव्यक्ति ऐसी जो प्रमाण निर्भीकता का,
ध्रुव-सा चरित्र जो विरक्ति का प्रमाण है
थी विरक्ति महावीर जैसे यदि भारत में,
पन्नाधाय मां भी राज-भक्ति का प्रमाण है
थरथर कांप गया दुश्मन झांसी वाली मर्दानी से,
यहां पापी पावन होता है गंगा के निर्मल पानी से
यहां पर किसान मोती होता.....2
भारतीय नारी का चरित्र देखिएगा मित्र,
उन्नत जो कर देश का ललाट देती है
झांसी वाली रानी ने निज शौर्य दिखलाते हुए,
रणभूमि शत्रु के शवों से पाट देती है
जिस पत्नी के मोह में जो भटके, वो खुद
खोल पति के बुद्धि के कपाट देती है
रत्ना दिखाती राह दास तुलसी को ,
और हाणी रानी अपना ही शीश काट देती है
सारा विश्व करे तुलना बलिदानी हाणी रानी से
यहां पापी पावन होता है गंगा के निर्मल पानी से
यहां पर किसान मोती बोता.....2
जीते-जी यहां पर इतिहास गढतें हैं,
और मरकर अमर कहानी बन जाते हैं
इस भूमि पर दधिचि देवों की सुरक्षा हेत,
हड्डियों को देके महादानी बन जाते हैं
भारत की माटी ही विलक्षण है जिसे चाट,
कान्हा खुद ईश्वर के मांनी बन जाते हैं
उद्धव से ज्ञानी यहां मूर्ख बन जाते,
और कालिदास जैसे मूर्ख ज्ञानी बन जाते हैं
पानी-पानी ज्ञान हुआ यहां उलझ प्रेम पटरानी से,
यहां पापी पावन होता है गंगा के निर्मल पानी से
यहां पर किसान मोती बोता....2
🙏अमीरी की तो ऐसी की ...ऐसी की
अपना घर लुटा बैठे😌
और फकीरी की तो ऐसी की😍
कि उसके घर मेंकि उसके घर मेंउसके घर में जा बैठे🙏
कवि :- श्री मनवीर मधुर जी (मथुरा)
यहां पर किसान मोती बोता, यहां शिशु बन कर इश्वर रोता
हिमराज हिमालय मुकुट स्वयं, सागर सम्राट चरण धोता।
भारत-भू यहां पर निकली गीता ईश्वर की वाणी से
यहां पापी पावन होता है, गंगा के निर्मल पानी से
यहां पर किसान मोती बोता......2
अद्भुत देश, अद्भुत त्याग की मिसाल
कब,कौन, क्या व किसका काज त्याग देता है
त्याग के समाज को फकीर बन जाता कोई,
और किसी को यहां समाज त्याग देता है
वामन जो भगवान होकर भूमि मांगते हैं,
ध्रुव राजपुत्र होकर राज त्याग देता है
एक महाभारत है, भाइयों में ताज हेतु,
एक भाई राम हेतु ताज त्याग देता है
जन्मे इस धरती ने कितने, लाल भरत बलिदानी से,
यहां पापी पावन होता है गंगा के निर्मल पानी से
यहां पर किसान मोती बोता......2
शक्ति का प्रमाण रानी दुर्गावती रही तो,
अक्खड़ कबीर अभिव्यक्ति का प्रमाण है
अभिव्यक्ति ऐसी जो प्रमाण निर्भीकता का,
ध्रुव-सा चरित्र जो विरक्ति का प्रमाण है
थी विरक्ति महावीर जैसे यदि भारत में,
पन्नाधाय मां भी राज-भक्ति का प्रमाण है
थरथर कांप गया दुश्मन झांसी वाली मर्दानी से,
यहां पापी पावन होता है गंगा के निर्मल पानी से
यहां पर किसान मोती होता.....2
भारतीय नारी का चरित्र देखिएगा मित्र,
उन्नत जो कर देश का ललाट देती है
झांसी वाली रानी ने निज शौर्य दिखलाते हुए,
रणभूमि शत्रु के शवों से पाट देती है
जिस पत्नी के मोह में जो भटके, वो खुद
खोल पति के बुद्धि के कपाट देती है
रत्ना दिखाती राह दास तुलसी को ,
और हाणी रानी अपना ही शीश काट देती है
सारा विश्व करे तुलना बलिदानी हाणी रानी से
यहां पापी पावन होता है गंगा के निर्मल पानी से
यहां पर किसान मोती बोता.....2
जीते-जी यहां पर इतिहास गढतें हैं,
और मरकर अमर कहानी बन जाते हैं
इस भूमि पर दधिचि देवों की सुरक्षा हेत,
हड्डियों को देके महादानी बन जाते हैं
भारत की माटी ही विलक्षण है जिसे चाट,
कान्हा खुद ईश्वर के मांनी बन जाते हैं
उद्धव से ज्ञानी यहां मूर्ख बन जाते,
और कालिदास जैसे मूर्ख ज्ञानी बन जाते हैं
पानी-पानी ज्ञान हुआ यहां उलझ प्रेम पटरानी से,
यहां पापी पावन होता है गंगा के निर्मल पानी से
यहां पर किसान मोती बोता....2
🙏अमीरी की तो ऐसी की ...ऐसी की
अपना घर लुटा बैठे😌
और फकीरी की तो ऐसी की😍
कि उसके घर मेंकि उसके घर मेंउसके घर में जा बैठे🙏
कवि :- श्री मनवीर मधुर जी (मथुरा)
नमस्कार महोदय! काविता के अंतिम चरण मे "ग्यणी उद्धव" कौन हैं एवं इनहोने कैसी मुर्खता की थी?
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