!!भजन!!
जन्म से ही रोगी तन सहज विचार मन,
यही तो मिला है धन स्वांसा के संग में।
मोह मद पान की बावरी बनी है बुद्धि,
चित्त भी तो लगता नहीं है सत्संग में।
सूखा सा जीवन सदा भोग का ही भूखा रहे,
सूखे पड़े नैन नहिं पुलकावलि अंग में।
पाहि-पाहि पवन कुमार बजरंग बली,
रंग लो राजेश को श्री राम प्रेम रंग में।
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
जन्म से ही रोगी तन सहज विचार मन,
यही तो मिला है धन स्वांसा के संग में।
मोह मद पान की बावरी बनी है बुद्धि,
चित्त भी तो लगता नहीं है सत्संग में।
सूखा सा जीवन सदा भोग का ही भूखा रहे,
सूखे पड़े नैन नहिं पुलकावलि अंग में।
पाहि-पाहि पवन कुमार बजरंग बली,
रंग लो राजेश को श्री राम प्रेम रंग में।
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
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