!!भजन!!
ये तन कीमती है मगर है विनाशी,
कभी अगले छन के भरोसे न रहना।।
निकल जायेगी छोड़ काया को पल में,
सदा श्वांस धन के भरोसे न रहना।।
इक पल में योगी एक पल में भोगी,
पल भर में ज्ञानी पल में वियोगी॥
बदलता जो क्षण-क्षण में वृत्ति अपनी,
सदा अपने मन के भरोसे न रहना।।
हम सोचते काम दुनियां के कर लें,
धन धाम अर्जित कर नाम कर लें।।
फिर एक दिन बन कर साधू रहेंगे,
उस एक दिन के भरोसे न रहना।।
तुझको जो मेरा-मेरा कहेंगे,
जरूरी नहीं वे भी तेरे रहेंगे।
मतलब से मिलते हैं दुनियां के साथी
सदा इस मिलन के भरोसे न रहना।।
" राजेश" अर्जित गुरु ज्ञान कर लो,
या प्रेम से राम गुन-गान कर लो।।
अथवा श्रीराम-नाम रटो नित नियम से,
किसी अन्य गुन के भरोसे न रहना ।
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी 🙏
ये तन कीमती है मगर है विनाशी,
कभी अगले छन के भरोसे न रहना।।
निकल जायेगी छोड़ काया को पल में,
सदा श्वांस धन के भरोसे न रहना।।
इक पल में योगी एक पल में भोगी,
पल भर में ज्ञानी पल में वियोगी॥
बदलता जो क्षण-क्षण में वृत्ति अपनी,
सदा अपने मन के भरोसे न रहना।।
हम सोचते काम दुनियां के कर लें,
धन धाम अर्जित कर नाम कर लें।।
फिर एक दिन बन कर साधू रहेंगे,
उस एक दिन के भरोसे न रहना।।
तुझको जो मेरा-मेरा कहेंगे,
जरूरी नहीं वे भी तेरे रहेंगे।
मतलब से मिलते हैं दुनियां के साथी
सदा इस मिलन के भरोसे न रहना।।
" राजेश" अर्जित गुरु ज्ञान कर लो,
या प्रेम से राम गुन-गान कर लो।।
अथवा श्रीराम-नाम रटो नित नियम से,
किसी अन्य गुन के भरोसे न रहना ।
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी 🙏
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