!!भजन!!
प्रीति करो रघुनायक सों,
अरु राही बनों गुरु ज्ञान गली के।
दीन दयाल को नाम रटो,
बस दास रहो बजरंग बली के।
रंक "राजेश" ना कोउ अपने,
सब मीत सदा तकदीर भली के।
रे मन छोड़ो नहीं कब हूँ,
पद पंकज श्री मिथिलेश लली के।
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी 🙏
प्रीति करो रघुनायक सों,
अरु राही बनों गुरु ज्ञान गली के।
दीन दयाल को नाम रटो,
बस दास रहो बजरंग बली के।
रंक "राजेश" ना कोउ अपने,
सब मीत सदा तकदीर भली के।
रे मन छोड़ो नहीं कब हूँ,
पद पंकज श्री मिथिलेश लली के।
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी 🙏
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