शुक्रवार, 27 नवंबर 2015

माँ के लिए उसके बेटे की करूण पुकार:-

माँ मैं एक पार्टी में गया था.
तूने मुझे शराब नहीं पीने
को कहा था,

इसीलिए बाकी लोग शराब पीकर मस्ती कर रहे थे

और मैं सोडा पीता रहा.
लेकिन मुझे सचमुच अपने पर
गर्व हो रहा था
माँ,

जैसा तूने कहा था कि 'शराब पीकर
गाड़ी नहीं चलाना'.

मैंने वैसा ही किया.
घर लौटते वक्त मैंने शराब को छुआ तक नहीं,

भले ही बाकी दोस्तों ने
मौजमस्ती के नाम पर
जमकर पी.
उन्होंने मुझे भी पीने के
लिए बहुत उकसाया था.

पर मैं अच्छे से जानता था कि मुझे
शराब नहीं पीनी है और मैंने
सही किया था.

माँ, तुम हमेशा सही सीख देती हो.
पार्टी अब लगभग खत्म होने
को आयी है और सब लोग अपने-अपने घर लौटने की तैयारी कर रहे हैं.

माँ ,अब जब मैं अपनी कार में बैठ
रहा हूँ तो जानता हूँ कि केवल कुछ
समय बाद मैं

अपने घर अपनी प्यारी स्वीट
माँ और पापा के पास रहूंगा.

तुम्हारे और पापा के इसी प्यार और
संस्कारों ने

मुझे जिम्मेदारी सिखायी और लोग
कहते हैं कि मैं

समझदार हो गया हूँ माँ, मैं घर आ
रहा हूँ और

अभी रास्ते में हूँ. आज हमने बहुत
मजा की और मैं बहुत खुश हूँ.

लेकिन ये क्या माँ...
शायद दूसरी कारवाले ने मुझे
देखा नहीं और ये भयानक टक्कर....
माँ, मैं यहाँ रास्ते पर खून से लथपथ हूँ.

मुझे पुलिसवाले की आवाज सुनाई पड़
रही है

और वो कह रहा है कि इसने नहीं पी.
दूसरा गाड़ीवाला पीकर चला रहा था.

पर माँ, उसकी गलती की कीमत मैं
क्यों चुकाऊं ?

माँ, मुझे नहीं लगता कि मैं और
जी पाऊंगा.

माँ-पापा, इस आखिरी घड़ी में तुम
लोग मेरे पास क्यों नहीं हो.
माँ, बताओ ना ऐसा क्यों हो गया.

कुछ ही पलों में मैं सबसे दूर हो जाऊँगा.

मेरे आसपास ये गीला-गीला और
लाल-लाल क्या लग रहा है.
ओह! ये तो खून है और
वो भी सिर्फ मेरा.

मुझे डाक्टर की आवाज आ रही है
जो कह रहे हैं कि मैं बच नहीं पाऊंगा.
तो क्या माँ,
मैं सचमुच मर जाऊँगा.

मेरा यकीन मानो माँ. मैं तेरी कसम
खाकर कहता हूँ कि मैंने शराब
नहीं पी थी.
मैं उस दूसरी गाड़ी चलाने वाले
को जानता हूँ.

वो भी उसी पार्टी में था और खूब
पी रहा था.

माँ, ये लोग क्यों पीते हैं और
लोगों की जिंदगी से
खेलते हैं उफ! कितना दर्द हो रहा है.

मानो किसी ने चाकू चला दिया हो या सुइयाँ चुभो रहा हो.

जिसने मुझे टक्कर मारी वो तो अपने
घर चला गया और मैं
यहाँ अपनी आखिरी साँसें गिन
रहा हूँ. तुम ही कहो माँ, क्या ये
ठीक हुआ.

घर पर भैया से कहना, वो रोये नहीं.
पापा से धीरज रखने को कहना.
मुझे पता है,वो मुझे कितना चाहते हैं

और मेरे जाने के बाद तो टूट
ही जाएंगे.
पापा हमेशा गाड़ी धीरे चलाने को कहते
थे.

पापा, मेरा विश्वास करो,
मेरी कोई गलती नहीं थी. अब मुझसे
बोला भी नहीं जा रहा.
कितनी पीड़ा!

साँस लेने में तकलीफ हो रही है.
माँ-पापा, आप मेरे पास
क्यों नहीं हो. शायद

मेरी आखिरी घड़ी आ गयी है. ये
अंधेरा सा क्यों लग रहा है. बहुत डर
लग रहा है.

माँ-पापा प्लीज़ रोना नहीं. मै
हमेशा आपकी यादों में, आपके दिल में
आपके पास ही रहूंगा.
माँ, मैं जा रहा हूँ. पर जाते-जाते ये
सवाल ज़रूर पूछुंगा कि ये लोग पीकर
गाड़ी क्यों चलाते हैं.
अगर उसने पी नहीं होतीं तो मैं आज
जिंदा, अपने घर,
अपने परिवार के साथ होता.

मित्रो, इसको ज्यादा से
ज्यादा लोगों तक
पहुँचाए ताकि किसी के शराब
पीकर गाड़ी चलाने
से किसी और के घर का चिराग
ना बुझने पाय...!!!

शुक्रवार, 6 नवंबर 2015

हँस-२ 😊कर मिलते हैं भीतर से जलते 🔥हैं
हम और 😘समझते हैं वो और👺 निकलते हैं

सुरत तो भोली ☺है मन में चालाकी 👿हैं
खोटे सिक्के अक्सर ज्यादा नहीं चलते हैं

सच झुठ का पर्दा तो एक दिंन उठ जाना है
कौए-कोयल संग में धोखे से पलते हैं
हँस-२ कर मिलते हैं.....

मुँख से कुछ कहते 🐰हैं करनी कुछ होती🐗 है
दो रंगी फितरत से खुद को ही छलते हैं

हँस-२ 😊कर मिलते हैं भीतर से जलते🔥 हैं
हम और 😘समझते हैं वो और👺 निकलते हैं
       🙏आपका देव🙏

गुरुवार, 1 अक्टूबर 2015


हैरान हूँ अपने सब्र का पैमाना देखकर
मैं उसे याद करता हूँ जो मुझे भूल गया
मैं उसे प्यार करता हूँ जो मुझसे नफरत करने लगा
उसकी फिक्र है जिसकी जुबाँ पे मेरा जिक्र नहीं
शायद मेरी वफाओं का यही सिला है
मैं उसके बारे में सोचता हूँ जिसने मुझे ज़हन से निकाल दिया
मैं उसे देखना चाहता हूँ जो मुझे देख के अनदेखा कर रहा है
शायद महोब्बत की दुनिया का ये दस्तूर हो गया है
जिसको दिल से चाहा वो ही दिल से दूर हो गया है
उसको खुद से ज्यादा चाहना ही मेरा कसूर हो गया है
सोचा था कोई शिकवा ना करूँगा पर दिल कहने को मजबूर हो गया है
हम्म एक गीत सहसा याद आगया
चाहूँगा तुझको साँझ सवेरे
फिर भी कभी अब नाम को तेरे
आवाज मैं ना दूँगा
आवाज मैं ना दूँगा

Betiyan


पापा के बगिया की चिङी होती हैं बेटियाँ
कभी मासूम कभी नकचङी होती हैं बेटियाँ
दुखता है कभी सिर तो सहलाती हैं प्यार से
लगाती हैं बाम मुझको इतनी बङी होती हैं बेटियाँ
आता हूँ थककर जब भी शाम को दुकान से
मेरे इंतजार में गेट पे खङी होती हैं बेटियाँ
देखके इनका चेहरा भूल जाता हूँ अपना हर गम
जादू की कोई जैसे छङी होती हैं बेटियाँ
जब बूढा बाप होस्पीटल में हो
तो शेर की बानगी महसूस कीजिए
बेटा चार किलोमीटर से पता लेने नहीं आया
और चार सौ किलोमीटर से सिराहने खङी होती हैं बेटियाँ
ये मेरी गजल बेटियाँ दुनिया की हर बेटी की नज़र 

शनिवार, 26 सितंबर 2015

Me & My Frnd


यारों दोस्ती बड़ी ही हसीन हैं
ये ना हो तो क्या फिर, बोलो ये ज़िन्दगी हैं
कोई तो हो राज़दार
बेगरज तेरा हो यार
कोई तो हो राज़दार

यारों मोहब्बत ही तो बंदगी हैं
ये ना हो तो क्या फिर, बोलो ये जिंदगी हैं
कोई तो दिलबर हो यार
जिस को तुझसे हो प्यार
कोई तो दिलबर हो यार

तेरी हर एक बुराई पे, डांटे वो दोस्त
गम की हो धूंप, तो साया बने, तेरा वो दोस्त
नाचे भी वो तेरी ख़ुशी में
अरे यारों दोस्ती ...

तनमन करे तुझ पे फ़िदा, महबूब वो
पलकों पे जो, रखे तुझे, महबूब वो
जिसकी वफ़ा, तेरे लिए हो
अरे यारों मोहब्बत ...

मंगलवार, 7 जुलाई 2015

साजिशें वो रचते है दुनिया में जिन्हें कोई जंग जितनी हो....... 
मेरी कोशिश तो दिल जितने की होती है...
ताकि रिश्ता कायम रहे जब तक जिंदगी हो...
काश तु मेरी आँखोँ की आँसु बन जाये !
मेँ रोना छोड़ दुं तुझे खोने के डर से ..!!
कुछ लौग ये सोचकर भी मेरा हाल नहीं पुँछते..!
कि ये पागल दिवाना फिर कोई शायरी न सुना देँ...!!

मंगलवार, 30 जून 2015

AIWS WITH U


चलते चलते, मेरे ये गीत याद रखनाकभी अलविदा ना कहना, कभी अलविदा ना कहनारोते हँसते, बस यूँ ही तुम गुनगुनाते रहनाकभी अलविदा ना कहना, कभी अलविदा ना कहना प्यार करते, करते हम तुम कही खो जायेंगेइन ही बहारों के आँचल में थक के सो जायेंगेसपनों को फिर भी तुम यूँ ही सजाते रहना बीच राह में दिलबर, बिछड जाए कभी हम अगरऔर सूनी सी लगी तुम्हें, जीवन की ये डगरहम लौट आयेंगे, तुम यूँ ही बुलाते रहना

चलते चलते, मेरे ये गीत याद रखनाकभी अलविदा ना कहना, कभी अलविदा ना कहना

AIWS WITH U



मैं जहाँ रहूँ , मैं कहीं भी हूँ, तेरी याद साथ हैकिसी से कहूँ के नही कहूँ, यह जो दिल की बात है कहने को साथ अपने एक दुनिया चलती हैपर चुपके इस दिल में तन्हाई पलती हैबस याद साथ है ... कहीं तो दिल में यादों की, इक सूली गड़ जाती हैकहीं हर एक तस्वीर बहोत ही धुंदली पड़ जाती हैकोई नई दुनियाँ के नये रंगो में खुश रहता है कहीं तो बीते कल की जड़े, दिल में ही उतर जाती हैकहीं जो धागे टूटे तो, मालायें बिखर जाती हैंकोई दिल में जगह नई बातों के लिये रखता हैकोई अपनी पलकों पर यादों के दिये रखता हैकोई सब कुछ पाके भी यह मन ही मन कहता है LU


शुक्रवार, 26 जून 2015


मेरी याद में तुम ना आँसू बहाना
न जी को जलाना, मुझे भूल जाना
समज़ना के था एक सपना सुहाना
वो गुज़रा जमाना, मुझे भूल जाना

जुदा मेरी मंज़िल, जुदा तेरी राहें
मिलेगी ना अब तेरी मेरी निगाहे
मुझे तेरी दुनियाँ से हैं दूर जाना
न जी को जलाना, मुझे भूल जाना

ये रो रो के कहता है, टूटा हुआ दिल
नही हूँ मैं तेरी मोहब्बत के काबिल
मेरा नाम तक अपने लब पे ना लाना
न जी को जलाना, मुझे भूल जाना

My Sweeet Family

-:परिवार:-





















pपरिवार
जैसे समाया हो इन दीवारों मे मेरा पूरा संसार
मेरी जान मेरा विश्वास है मेरा परिवार....

माँ तो सबकी अच्छी होती है पर जाने क्यों लगता है ऐसा..
वो सब तो तारे हैं बस मेरी माँ का प्यार है चाँद के जैसा ..

पा को तो है सबने पाया, 
जाने क्यों लगता है ऐसा..
मेरे पा में है बागवान समाया,

पाई होंगी हज़ारों ने बहने
फिर क्यूँ मुझको लगता है ऐसा 
वो है सुंदरता के गहने .

पाया होगा सबने भाई
जाने क्यू फिर लगता है
भाई नही हमने कोई दुआ है पाई

परिवार तो होता है सबका
पर क्यूँ मुझको लगता है ऐसा
मेरा परिवार है बगिया जैसा

फूलों सी खुशिया जहाँ है मिलती
कोमल कलियाँ जहाँ है खिलती

सुंदर तितलियों के जैसा है ये संसार
ऐसा है मेरे लिए, मेरा परिवाr..
🙏😘🙏


 m


my fvrt poit

गुरुवार, 25 जून 2015


अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको
मैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझको।
मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के माने
ये तेरी सादा-दिली मार ना डाले मुझको।
ख़ुद को मैं बाँट ना डालूँ कहीं दामन-दामन
कर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको।
बादाह फिर बादाह है मैं ज़हर भी पी जाऊँ ‘क़तील’
शर्त ये है कोई बाहों में सम्भाले मुझको।

Radheeeeeeeee


अखियों के झरोखों से मैने देखा जो सावरे
तुम दूर नज़र आये, बड़ी दूर नज़र आये
बंद कर के झरोखों को ज़रा बैठी जो सोचने
मन में तुम ही मुस्काए, मन में तुम ही मुस्काए 

एक मन था मेरे पास वो अब खोने लगा है
पाकर तुझे, हाए मुझे कुछ होने लगा है
एक तेरे भरोसे पे सब बैठी हूँ भूल के
यूँ ही उम्र गुजर जाए, तेरे साथ गुजर जाए

जीती हूँ तुम्हे देखके मरती हूँ तुम्हीं पे
तुम हो जहाँ साजन मेरी दुनियाँ है वही पे
दिन रात दुआ माँगे मेरा मन तेरे वास्ते 
कही अपनी उम्मीदों का कोई फूल ना मुरझाए

मैं जब से तेरे प्यार के रंगो में रंगी हूँ 
जगते हुए सोयी रही, नींदो में जगी हूँ 
मेरे प्यार भरे सपने, कही कोई न छीन ले
मन सोच के घबराए, यही सोच के घबराए 





अखियों के झरोखों से मैने देखा जो सावरे
तुम दूर नज़र आये, बड़ी दूर नज़र आये
बंद कर के झरोखों को ज़रा बैठी जो सोचने
मन में तुम ही मुस्काए, मन में तुम ही मुस्काए 

एक मन था मेरे पास वो अब खोने लगा है
पाकर तुझे, हाए मुझे कुछ होने लगा है
एक तेरे भरोसे पे सब बैठी हूँ भूल के
यूँ ही उम्र गुजर जाए, तेरे साथ गुजर जाए

जीती हूँ तुम्हे देखके मरती हूँ तुम्हीं पे
तुम हो जहाँ साजन मेरी दुनियाँ है वही पे
दिन रात दुआ माँगे मेरा मन तेरे वास्ते 
कही अपनी उम्मीदों का कोई फूल ना मुरझाए

मैं जब से तेरे प्यार के रंगो में रंगी हूँ 
जगते हुए सोयी रही, नींदो में जगी हूँ 
मेरे प्यार भरे सपने, कही कोई न छीन ले
मन सोच के घबराए, यही सोच के घबराए 


आने से उस के आए बहार
जाने से उस के जाए बहार
बडी मस्तानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी जिंदगानी है, मेरी मेहबूबा

गुनगुनाए ऐसे जैसे बजते हो घुंगरु कही पे
आके परबतों से जैसे गिरता हो झरना जमीं पे
झरनों की मौज है वो, मौजों की रवानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी जिंदगानी है, मेरी मेहबूबा

बन सँवर के निकले, आए सावन का जब जब महीना
हर कोई ये समझे, होगी वो कोई चंचल हसीना
पूछो तो कौन है वो, रुत ये सुहानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी जिंदगानी है, मेरी मेहबूबा

इस घटा को मैं तो उसकी आँखों का काजल कहूँगा
इस हवा को मैं तो उसका लहराता आँचल कहूँगा
कलियों का बचपन है, फूलों की जवानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी जिंदगानी है, मेरी मेहबूबा

बीत जाते हैं दिन, कट जाती हैं आँखों में रातेंt
हम ना जाने क्या क्या, करते रहते हैं आपस में बातें
मैं थोडा दीवाना, थोडीसी दीवानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी जिंदगानी है, मेरी मेहबूबा

सामने मैं सब के नाम उसका नही ले सकूँगा
वो शरम के मारे रुठ जाए तो मैं क्या करूँगा 
हुरोंकी मलिका है, परीयों की रानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी जिंदगानी है, मेरी मेहबूबा
जानते हो मोहब्बत किसे कहते है
किसी को सोचना फिर
मुस्कुराना
और फिर आँसू बहाते हुये सो जाना


ये बयान-ऐ-इश्क़ है,एक गुज़ारिश सबसे :-
"ग़ज़ल'
टूट कर ख्वाब जो हैं, आँख में चुभने लगते |
दास्ताँ उनकी बयाँ,ये अश्क़ है करने लगते ||
पलकें भारी है शिकायत ये नहीं कर सकती,
मेले अश्क़ों के किनारो पर भी लगने लगते ||
आइना टूट गया..फिर से नहीं..जोड़ा जाता,
जब भी जोड़ा उसे, हम गैर हैं दिखने लगते ||
ख्वाब-औ-दिल का,सबब यार है शीशे जैसी,
चोट लगती इन्हें, जब भी ये बिखरने लगते ||
टूट कर काँच है चुभता, तो कसकने लगता,
दुखते जब भी हैं तो, जख्म ये रिसने लगते ||
जब भी हमदर्द कोई,.अपना दगा.. दे जाता,
लगते"वीरान" पर,हम भी तो तड़पने लगते || p

LOVE



प्यार का गीत हूं, गुनगुना लीजिये
में वफा हूं वफा, आजमा लीजिये।
दिल मे बस जाऊंगा, आरजू की तरहा
ईश्क हूं में, लबों पर सजा लीजिये॥
प्यार मोहन भी है, प्यार राधा भी है
प्यार हर हाल मे, एक वादा भी है।
प्यार मुरली की धुन है मधुर तान है
प्यार चाहत नही, ये इरादा भी है॥
प्यार सीरत है, सूरत नही प्यार की, प्यार अहसास है दिल बसा लीजिये....
ईश्क हूं में, लबों पर सजा लीजिये......
उसका आंचल भी हूं,उसका काजल भी हूं
मुस्कुराहट भी हूं, दिल की हलचल भी हूं
उसके हर रोम मे, है मेरा घर सुनो
उसका जीवन भी हूं,उसका पल पल भी हूं
तुम भी मेरी तरहा,करके अर्पण खुदी,खुद को खुद का खुदा, खुद बना लीजिये...
ईश्क हूं में, लबों पर सजा लीजिये....
MERE PYARE DOSTO KE NAAM