मैं जहाँ रहूँ , मैं कहीं भी हूँ, तेरी याद साथ हैकिसी से कहूँ के नही कहूँ, यह जो दिल की बात है कहने को साथ अपने एक दुनिया चलती हैपर चुपके इस दिल में तन्हाई पलती हैबस याद साथ है ... कहीं तो दिल में यादों की, इक सूली गड़ जाती हैकहीं हर एक तस्वीर बहोत ही धुंदली पड़ जाती हैकोई नई दुनियाँ के नये रंगो में खुश रहता है कहीं तो बीते कल की जड़े, दिल में ही उतर जाती हैकहीं जो धागे टूटे तो, मालायें बिखर जाती हैंकोई दिल में जगह नई बातों के लिये रखता हैकोई अपनी पलकों पर यादों के दिये रखता हैकोई सब कुछ पाके भी यह मन ही मन कहता है LU
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