जब छोड़ चलूँ मैं इस जग को बस
“कृष्ण" जाप की सांस रहे........।
फिर स्वर्ग मिले या नरक मिले पर दिल में "कृष्ण" का वास रहे ।।
"कृष्ण" नाम कि चादर हो तन पे, तजूं प्राण तो "कृष्ण" का धाम रहे।
छूटें रिश्ते संसार के सब, पर जीभ पे कृष्ण का नाम रहे ।।
झूठे संसार से प्रीत न हो, बस "कृष्ण" की प्रीति मे ध्यान रहे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें