मेरी मैया जगत जननी हुई नाराज क्यों मुझसे,
मैं कितने पास हूं तेरे तू कितनी दूर है मुझसे मेरी मैया...
तु महफिल मे तो आई है, मगर चुपचाप बैठी है
दिखा दे मां, दिखा जलवा यही फरियाद है तुझसे
मेरी मैया...
अगर कुछ भूल मेरी है, तो आखिर लाल हूं तेरा
क्षमा करना, क्षमा करना यही फरियाद है तुझसे
मेरी मैया...
पिला दे मां, पिला दे मां तू अपने नाम का प्याला...
जहर राणा ने भेजा था, जहर मीरा ने पिया था
वह मीरा पी गई मीरा, मेरे घनश्याम का प्याला
पिला दे मां...
सुना होगा वो सबरी रोज रस्ता साफ करती थी
वह सबरी पी गई, सबरी मेरे प्रभु राम का प्याला
पिला दे मां....!!
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