!!भजन!!
साथी है मित्र गंग के ,जल बिन्दु पान तक ।
अर्धगानीं बढ़ेगी तो,केवल मकान तक ।
परिवार के सब लोग चलेंगे ,शमशान तक।
बेटा भी हक़ निभायेगा तो ,अग्नि दान तक ।।
इससे तो आगे भजन ही है साथी ।
हरि के भजन बिनु अकेला रहेगा ।।
रे मन ये दो दिन का मेला रहेगा।
क़ायम न जग का झमेला रहेगा ......
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
साथी है मित्र गंग के ,जल बिन्दु पान तक ।
अर्धगानीं बढ़ेगी तो,केवल मकान तक ।
परिवार के सब लोग चलेंगे ,शमशान तक।
बेटा भी हक़ निभायेगा तो ,अग्नि दान तक ।।
इससे तो आगे भजन ही है साथी ।
हरि के भजन बिनु अकेला रहेगा ।।
रे मन ये दो दिन का मेला रहेगा।
क़ायम न जग का झमेला रहेगा ......
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
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