सोमवार, 5 अगस्त 2019

रफ्ता रफ्ता इश्क़ में बेआबरु हुए
पहले आप
आपसे तुम
तुमसे तू हुए

कोई बेसबब, कोई बेताब, कोई चुप, कोई हैरान,
ऐ जिंदगी तेरी महफिल के तमाशे खत्म नही होते।

" हर कोई तो उलझा है किसी न किसी काम में , कोई वक़्त निकाले तेरे लिए तो ये बड़ी बात है । "

" मोहब्बत को इल्ज़ाम हर बार मत दो , कुछ तो लापरवाही तेरी भी रही होगी । "
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏

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