सोमवार, 31 दिसंबर 2018

मिलकर बैठो..
आओ हम कुछ प्यार की बातें करें,
हो चुका जिक्र-ए-जहां अब यार की बातें करें
गले पड़ने से तो अच्छा है कि लग जाओ गले,
छोड़कर तकरार अब त्यौहार की बातें करें
जिस्म देकर जिस्म के संग जिसने जान-ओ-दिल दिया,
हम तो दिल से अब उसी दिलदार की बातें करें
राजेश जिनको मिल चुका उनकी मोहब्बत का मजा,
वो क्यों किसी से बैठकर बेकार की बातें करें
🙏🙏🏻😌🙏🏻🙏

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