कविता:- 🙏बोलो भारत माता की जय🙏
बिना मौसम ह्रदय कोकिल से भी गूंजा नहीं जाता,
जहां अनुराग पलता है वहां दूजा नहीं जाता
विभीषण राम जी के भक्त हैं, ये जानते सब हैं
मगर जो देशद्रोही हो उसे पूजा नहीं जाता।।
(1) मां धरती धरती है संयम, सहती है खुद पर प्रबल भारबिना मौसम ह्रदय कोकिल से भी गूंजा नहीं जाता,
जहां अनुराग पलता है वहां दूजा नहीं जाता
विभीषण राम जी के भक्त हैं, ये जानते सब हैं
मगर जो देशद्रोही हो उसे पूजा नहीं जाता।।
कितने भी कोई जुल्म करे, पर कभी मानती नहीं हार
इस वसुंधरा पर अखिल विश्व, जिसकी भौगोलिक भाषा है
प्रत्येक खंड में सजे देश, उन सब की यह अभिलाषा है
हर एक देश को नाज रहा, सच्चा है अथवा झूठा है
कर्तव्य और उपायों से निर्मित सम्मान अनूठा है
निज आर्यव्रत की ओर ध्यान, आकृष्ट कराने आयी हूँ
कुछ शब्द सुमन वाली कविता स्वागत में चुनकर लाई हूं
अपने अतीत का ज्ञान तत्व हम सबको यह बतलाता है
नीतियां समर्पण वाली हो, इतिहास अमर हो जाता है
चाहे हो कलुषित भार किंतु, दिखला दो अपना सदय ह्रदय
सबसे कर-बद्ध निवेदन है, बोलो भारत माता की जय...
(2) छ: ऋतुओं वाला श्रेष्ठ देश, दुनिया का सबसे ज्येष्ठ देश
अध्ययन करने पर पाओगे, पूरी वसुंधरा पर है विशेष
सभ्यता यहां पर जिंदा है, पूजे जाते हैं संस्कार
कल-कल-कल करती है पावन नदियां ले धवलधार
हिमवान कीरिट बना जिसका, उत्तर में प्रहरी के समान
दक्षिण में सिंधु पखारे चरण, देता रहता है अभयदान
पूर्व में खाड़ी का गौरव, सीमा को रक्षित करता है
पश्चिम में अपना अरब-सिंधु, निज-गुरूता का दम भरता है
त्यौहार अनूठे लगते हैं, व्यवहार अनूठे लगते हैं
खोजो तो पाओगे जवाब, मनुहार अनूठे लगते हैं
ऐसी है भारत की धरती, रहता है जहां जीव निर्भय
सत्ता से यदि हो गई चूक, तो ईश्वर करता है निर्णय
होगा ना बाल बांका हरगिज, कर लोगे यदि मन में निश्चय
सबसे कर बंद निवेदन है बोलो भारत माता की जय...
(3) मजदूर जहां श्रम साधक हैं, उस भूमि भाग का क्या कहना
नित मेहनत का आराधक है, उस भूमि भाग का क्या कहना
बढ़ती ही रहती है प्रतिफल, भारत माता की अमिट शान
पोषित करती है जो संज्ञा, हम सब उसको कहते किसान
दर्शन दर्पण का करो चित्र और भला है चंगा है
लहराता नील गगन पथ पर, वह अपना पूज्य तिरंगा है
तैयार हमेशा रहते हैं, दुश्मन का बर्प मिटाने को
सकुचाते नहीं किशोर यहां, बलिवेदी पर चढ़ जाने को
बचना है चाहे मरना है करना है सिर्फ अखंड अजय
सैनिक सन्नद्ध समर्पित है, संकल्प लिए मन में निश्चय
हम इसे नहीं बटने देंगे, चाहे आ जाए महाप्रलय
सबसे कर बंद निवेदन है, बोलो भारत माता की जय...
🙏कवियत्री:- कविता तिवारी जी🙏
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