बुधवार, 15 फ़रवरी 2017

सुखी बसे संसार सब दुःखिया रहे न कोय ।
यह अभिलाषा हम सब की भगवन पूरी होय ।।२।।

विद्या बुद्धि तेज बल सबके भीतर होय ।
दूध पूत धन धान्य से वंचित रहे न कोई ।।२।।

आपकी भक्ति प्रेम से मन होवे भरपूर ।
राग द्वेष से चित्त मेरा कोसों भागे दूर ।।३।।

मिले भरोसा आप का हमें सदा जगदीश ।
आशा तेरे धाम की बनी रहे मम ईश ।।४।।

पाप से हमें बचाइए करके दया दयाल ।
अपना भक्त बनायकर सबको करो निहाल ।।५।।

दिल में दया उदारता मन में प्रेम अपार ।
 धैर्य में ह्रदय   वीरता सबको दो करतार ।।६।।

नारायण प्रभु आप हो पाप विमोचन हार ।
दूर करो अज्ञान सब कर दो भव से पार ।।७।।

हाँथ जोड़ विनती करें सुनिए कृपानिधाना ।
साधु संगत सुख दीजिये दया नम्रता दान ।।८।।

सुखी बसे संसार सब दुःखिया रहे न कोय ।
यह अभिलाषा हम सबकी भगवन् पूरी होय ।।

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