1. तुम में रूठ जाने की आदत कहां से आ गई,
मरीज-ए-हिज्र ये एक जर्रत कहां से आ गई।
कल तक तो सुना था कि ना उठा जाता है बिस्तर से,
और दुनिया से उठ गया वो ताकत कहां से आ गई।।
2. प्यास लगती है तो पनघट की याद आती है,
लाज लगती है तो घूंघट की याद आती है
कैसी गमगीन कहानी है जिंदगानी की,
उम्र ढलती है तो मरघट की याद आती है
🙏परम पूज्य महाराज श्री राजेश्वरानंन्द जी🙏
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें