रविवार, 9 जुलाई 2017

कोई जाये जो वृन्दावन,
मेरा पैगाम ले जाना...
मैं खुद तो जा नहीं पाऊँ
मेरा प्रणाम ले जाना.....
ये पूछना मुरली वाले से
मुझे तुम कब बुलाओगे....
पड़े जो जाल माया के
उन्हे तुम कब छुड़ाओगे....
मुझे इस घोर दल-दल से
मेरे भगवान ले जाना....
🍂 🌿 🍃
कोई जाये जो वृन्दावन.....
🍃 🍂 🌿
जब उनके सामने जाओ
तो उनको देखते रहना.....
मेरा जो हाल पूछें तो
ज़ुबाँ से कुछ नहीं कहना....
बहा देना कुछ एक आँसू
मेरी पहचान ले जाना.....
🌿  🍂  🍃
कोई जाये जो वृन्दावन...
🌿 🍂  🍃
जो रातें जाग कर देखें
मेरे सब ख्वाब ले जाना.....
मेरे आँसू तड़प मेरी
मेरे सब भाव ले जाना....
न ले जाओ अगर मुझको
मेरा सामान ले जाना....
🍂  🌿  🍃
कोई जाये जो वृन्दावन...
🌿  🍂  🍃
मैं भटकूँ दर ब दर प्यारे
जो तेरे मन में आये कर....
मेरी जो साँसे अंतिम हो
वो निकलें तेरी चौखट पर....
‘राधादास’ हूँ मैं तेरा.....
मुझे बिन दाम ले जाना...
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कोई जाये जो वृन्दावन
मेरा पैगाम ले जाना...
🌿  🍂 🍃
मैं खुद तो जा नहीं पाऊँ
मेरा प्रणाम ले जाना...
🌿 🍃 🍂

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