बिटिया आज संभल कर चलना देख दरिन्दे घूम रहे
उजले कपड़े तन पर डाले मन के गन्दे घूम रहे
माँ ना जानें बहन ना जानें इनको जिस्म ही दिखता है
मासूमों की चीखों से भी इनका मन ना डिगता है
ठीक से बचपन तक ना देखा उन जिस्मों को लूट रहे
कैसे निकले घर से बेटी आज हौसले टूट रहे
जाने किसकी लाज लूट लें लेकर फंदे घूम रहे
बिटिया आज संभल कर चलना देख दरिन्दे घूम रहे
कोई कहीं अस्मत का शीशा जब वहशत से चटकता है
दर्द उठे जो दिल के अन्दर सारी उम्र टपकता है
जिस्म नौंचते भूखे भेड़िये घुटी-घुटी है सिसकारी
नारी के सीने में भी दिल है केवल जिस्म नहीं नारी
जिस्म दिखे पीड़ा ना दिखती कैसे अंधे घूम रहे
बिटिया आज संभल कर चलना देख दरिन्दे घूम रहे
कुचलो ना ऐसे बिटिया को कुदरत माफ नहीं करती
सूख ना जायें नदी सरोवर, फट ना जाये ये धरती
ढूढ़ो गर ईमान मिल जाये खुद से कहो ना पाप करे
वरना ऐसा ना हो कुदरत उठकर खुद इंसाफ करे
वरना कल धरती यूँ होगी सिर्फ परिन्दे घूम रहेr
बिटिया आज संभल कर चलना देख दरिन्दे घूम रहेr
आपका देव
उजले कपड़े तन पर डाले मन के गन्दे घूम रहे
माँ ना जानें बहन ना जानें इनको जिस्म ही दिखता है
मासूमों की चीखों से भी इनका मन ना डिगता है
ठीक से बचपन तक ना देखा उन जिस्मों को लूट रहे
कैसे निकले घर से बेटी आज हौसले टूट रहे
जाने किसकी लाज लूट लें लेकर फंदे घूम रहे
बिटिया आज संभल कर चलना देख दरिन्दे घूम रहे
कोई कहीं अस्मत का शीशा जब वहशत से चटकता है
दर्द उठे जो दिल के अन्दर सारी उम्र टपकता है
जिस्म नौंचते भूखे भेड़िये घुटी-घुटी है सिसकारी
नारी के सीने में भी दिल है केवल जिस्म नहीं नारी
जिस्म दिखे पीड़ा ना दिखती कैसे अंधे घूम रहे
बिटिया आज संभल कर चलना देख दरिन्दे घूम रहे
कुचलो ना ऐसे बिटिया को कुदरत माफ नहीं करती
सूख ना जायें नदी सरोवर, फट ना जाये ये धरती
ढूढ़ो गर ईमान मिल जाये खुद से कहो ना पाप करे
वरना ऐसा ना हो कुदरत उठकर खुद इंसाफ करे
वरना कल धरती यूँ होगी सिर्फ परिन्दे घूम रहेr
बिटिया आज संभल कर चलना देख दरिन्दे घूम रहेr
आपका देव
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