सोमवार, 12 दिसंबर 2016

तुम्हे हम याद करते हैं कहीं से भी चले आओ,
सॉझ ढलने लगी अब तो झलक अपनी दिखा जाओ,
खुला है दर चले आना, झुका है सिर चले आना
तुम्हे हम याद करते हैं....
हाल अपना दिखाएगे, व्यथा अपनी सुनाएगे,
गले से तुम लगा लेना, कथा रो रो सुनाएगे
तुम्हे हम याद करते हैं....
भोग तुमको लगाएगे, तुम्हे अपना बनाएगे,
सफर में थक गये होगे चरण तेरे दबाएगे
तुम्हे हम याद करते हैं....
सितम का वास्ता तुमको, सितम के वास्ते आजा,
खुदा का वास्ता तुमको, खुदा के वास्ते आजा
तुम्हे हम याद करते हैं....